मृत्यु पर विजय - By Sh. Raj Kumar Dogra

दो लड़कियां समुद्र के किनारे खड़ी बातें कर रही थीं। पहली ने दूसरी से पूछा : कि तेरे पापा कहां पर हैं? दूसरी : समुद्र में मछलियां पकड़ने गए हैं। पहली : समुद्र में डर नहीं लगता क्या? दूसरी : डर की क्‍या बात? काम करना सो करना। पहली : अच्छा बता तेरे पिता जी के पिता की मृत्यु कहां हुई थी? दूसरी : समुद्र में। पहली : उनके पिता की भी; दूसरी : हां समुद्र में। पहली : बार बार समुद्र में मृत्यु होने पर भी आप समुद्र में जाते हैं क्या फिर भी डर नहीं लगता? दूसरी : अच्छा यह बता कि आपके पिता जी के पिता जी की मृत्यु कहां हुई थी? पहली : घर में चारपाई पर; टूसरी : तथा उनके पिता जी की; पहली : वह भी घर में चारपाई पर; टूसरी : और उनके पिता व उनके पिता की; पहली : हां हां घर में चारपाई पर। दूसरी : अब बताओ कि घर में चारपाई पर एक के बाद दूसरी तीसरी, चौथी- --- बार बार मृत्यु हुई। क्या फिर भी आपको घर में चारपाई ....... पर लेटने का डर नहीं लगता? सारांश मृत्यु ही जीवन का सच है तथा मृत्यु के लिए स्थान, समय और विधि सब कुछ निश्चित है। टारै न टरे। पूत सपूत तो का धन संचय? पूत कपूत तो का धन संचय? #mrityu #death #life #jeewan #zindagi #saahas #sahas

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